hanuman chalisa Secrets
hanuman chalisa Secrets
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Boosts Self-confidence: Lord Hanuman symbolizes power and bravery, and worshipping him can Increase self-assurance and fortitude in struggling with problems.
व्याख्या – श्री हनुमान जी परब्रह्म राम की क्रिया शक्ति हैं। अतः उसी शक्ति के द्वारा उन्होंने भयंकर रूप धारण करके असुरों का संहार किया। भगवान् श्री राम के कार्य में लेश मात्र भी अपूर्णता श्री हनुमान जी के लिये सहनीय नहीं थी तभी तो ‘राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम‘ का भाव अपने हृदय में सतत सँजोये हुए वे प्रभु श्री राम के कार्य सँवारने में सदा क्रिया शील रहते थे।
Hanuman, together with other figures from the Ramayana, are an important supply of performs and dance theatre repertoire at Odalan celebrations and also other festivals in Bali.[139]
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“You flew towards the Sun who's thousands of a long time of Yojanas away, considering him to be a sweet fruit.”
In the long run, Rama uncovered his divine powers as being the incarnation in the God Vishnu, and slew Ravana and the rest of the demon army. At last, Rama returned to his household of Ayodhya to return to his spot as king. Following blessing all those that aided him in the struggle with presents, Rama gave Hanuman his present, which Hanuman threw absent.
पवनदीप राजन द्वारा गाया हनुमान चालीसा
हिन्दू धर्म में बजरंगबली को को सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में से एक माना जाता हैं। हनुमान चालीसा के साथ ही सुंदरकांड, बजरंग बाण और संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ here कर रामभक्त हनुमान को प्रसन्न किया जा सकता है।
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भावार्थ – आपकी इस महिमा को जान लेने के बाद कोई भी प्राणी किसी अन्य देवता को हृदय में धारण न करते हुए भी आपकी सेवा से ही जीवन का सभी सुख प्राप्त कर लेता है।
सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे ।
व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।
भावार्थ– आप भगवान् शंकर के अंश (अवतार) और केशरी पुत्र के नाम से विख्यात हैं। आप (अतिशय) तेजस्वी, महान् प्रतापी और समस्त जगत्के वन्दनीय हैं।
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